महेंद्रगढ़
गांव बसई की आयुर्वैदिक डिस्पेंसरी ग्रामीणों व विभाग के लिए गले की फांस बनी हुई है। आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी का कार्य लगातार 18 महीने में तीसरी बार फिर बंद हो गया है अबकी बार विभाग का कहना है कि पैसे खत्म होने की वजह से कार्य रोक दिया गया है।
गांव के सरपंच प्रतिनिधि भगत सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ठेकेदार व विभाग के अधिकारियों द्वारा समय पर कार्य पूर्ण न करवाए जाने की वजह से यह पैसा लेप्स होकर वापस चला गया है। उन्होंने कहा कि अगर ठेकेदार के द्वारा समय रहते अपना कार्य पूर्ण कर दिया जाता तो आज यह समस्या न रहती।
बता दें कि गांव बसई को सांसद चौधरी धर्मवीर द्वारा गोद लिया गया है। इस गांव में एक स्वास्थ विभाग द्वारा सब सेंटर बनाया गया है। जिसमें लोग उपले थापते हैं। काफी दिनों से यह सेंटर प्राइवेट भवन में चला रहे और वहां की एक कर्मचारी अपनी मासिक तनख्वाह में से किराया देती थी।अब किसी दूसरी प्राइवेट बिल्डिंग में चल रहा है लेकिन उसका कोई स्थाई ठिकाना नहीं है।

दूसरी तरफ सरकार द्वारा आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी का कार्य भी पिछले 18 महीना से चलाया गया है जोकि 18 महीने में तीसरी बार फिर से बंद हो गया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग कर डिस्पेंसरी का कार्य जल्द से जल्द शुरू करवाने की मांग की है। ग्रामीण दलीप शेखावत, श्याम सुन्दर, राजू कोच, रणवीर पीटीआई, मीर सिंह, कृष्ण मिस्त्री, सुकेन्द्र, रमेश शर्मा,मनोज पुजारी,सुनील ठेकेदार,सूबेदार रमेश जोशी आदि ने बताया कि बसई सरकारी आयुर्वैदिक डिस्पेंसरी का कार्य सितंबर 2023 में सरकार द्वारा शुरू किया गया था। उस समय इसकी ग्रांट लगभग 24 लाख रुपए सरकार द्वारा पास की गई थी। ग्रामीणों ने जब निर्माणाधीन डिस्पेंसरी पर जाकर देखा तो वहां पर पाया कि बिना नींव व बिना पिलर के ही निर्माण कार्य शुरू किया जा रहा है और निर्माण सामग्री भी निम्न स्तर की प्रयोग की जा रही थी।

ग्रामीणों ने कार्य को बीच में रुकवा कर उच्च अधिकारियों को इस बारे में अवगत करवाया गया था। जिसके बाद विभाग के अधिकारियो ने मौके पर पहुंचकर जांच की तो पता चला की ईंट भी हल्की थी व नींव भी नहीं खोदी गई थी इसलिये कार्य को बीच में रुकवाकर आगे की कार्रवाई करते हुए ग्रांट बढ़वाने के लिए ग्रामीणों से कहा। ग्रामीणों ने इसके लिए पंचायती राज के एक्सईएन से मिलकर सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह के प्रयास से इसकी ग्रांट बढ़ाकर लगभग 45 लाख रुपए सरकार द्वारा कर दी गई। उसके पश्चात इसका नया टेंडर छोड़कर इसका निर्माण कार्य शुरू किया गया लेकिन लगभग पांच महीने बाद फिर से इसका निर्माण कार्य बंद हो गया। ठेकेदार बीच में ही काम छोड़कर चला गया और ग्रामीणों ने इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। अभी फिर कुछ दिन पहले काम शुरू हुआ था लेकिन पिछले एक सप्ताह से फिर काम बंद हो गया ग्रामीणों का कहना हैं कि सरकार एक तरफ तो स्वस्थ भारत स्वच्छ भारत के नारा देकर हर घर में स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए लोगों को जागरुक कर रही है दूसरी तरफ लगभग 18 महीने से इस डिस्पेंसरी का कार्य शुरू हो चुका है लेकिन अभी निर्माण कार्य 18 महीने में तीन बार बंद भी हो चुका है लेकिन अभी फिर से बंद हो गया जिससे ग्रामीणों में भारी रोष है। ग्रामीणों का कहना है कि जल्दी ही अगर इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया तो हम मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री से भी इसके लिए हम शिकायत भेजेंगे।

इस आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी में बैठने वाला स्टाफ लगभग पिछले 2 साल से पशु अस्पताल के ऊपर चौबारे में मरीजों को देख रहा है वहां पर ऊपर चढ़ने का पेड़ा भी बहुत तंग है ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर बड़े बुजुर्ग ही सरकारी दवाखाने में दवाई लेने आते थे अब उनको दूसरी मंजिल पर चढ़ना बहुत ही असंभव है इसलिए मरीज भी वहां पर बंद हो गए हैं पहले दिन में लगभग 30 मरीज आते थे जो अब आधे से भी कम हो गए हैं वहां पड़ोसियों का कहना है कि कुछ मरीज तो यहां नीचे आकर आवाज लगाते हैं तब ऊपर से स्टाफ आकर दवाई देते हैं अगर मरीज वहां जाता है तो उन पेड़ों पर चढ़कर और अधिक बीमार हो सकता है इसलिए लोग अब वहां सरकारी दवा खाने में जाने से भी कतराने लगे हैं

ग्रामीण सुनील तंवर ठेकेदार ने बताया कि पहली बात तो हमारा गांव बहुत बड़ा गांव है इसके साथ-साथ महेंद्रगढ़ जिले से लगभग इसकी दूरी भी 20 किलोमीटर पड़ती है। जिससे की अगर कोई भी आदमी बीमार होता है तो उसको ले जाने के लिए काफी दूर जाना पड़ता है। सरकार ने लगभग डेढ़ साल पहले इसका कार्य शुरू किया था लेकिन अभी ना के बराबर है। उन्होंने कहा कि अगर जल्दी ही इसका कार्य शुरू नहीं किया गया तो इसके लिए हमारा गांव एकत्रित होकर इस मामले के सीएम साहब के संज्ञान में लाएंगे ओर इसमे सम्मिलित सभी अधिकारी व ठेकेदारों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग करेंगे।

ग्रामीण सूबेदार रमेश जोशी ने कहा कि गांव की आयुर्वैदिक डिस्पेंसरी शुरू से ही विवादों के घेरे में रही है। पहले तो बिना नीव व हल्की सामग्री प्रयोग की गई, फिर हमने इसको बंद करने के लिए अधिकारियों से गुहार लगाई। उसके बाद ग्रांट बढ़वाने के लिए गुहार लगाई ग्रांट बढ़ाने के बाद फिर से दोबारा शुरू करवाने के लिए विभाग के पीछे-पीछे घूमते रहे और अब फिर से कम बंद हो गया।अब पैसे खत्म हो गए हम विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। अधिकारियों से निवेदन कर रहे हैं कि इसका काम शुरू करवाया जाए।
एक्सईएन ने बताया कि बसई आयुर्वेदिक औषधालय का कार्य अभी बंद है क्योंकि जो पैसा ऊपर से पास होकर आया था वह लगा दिया गया है अब हमारे पास इसका ओर पैसा नहीं है। हमने ऊपर पैसे बढ़ाने का एस्टीमेट भेजा हुआ है जैसे ही ऊपर से और पैसा आएगा तो उसका कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।