बुधवार, 5 नवंबर 2025

बसई में बाबा बजरंगबली का 63वां मेला धूमधाम से संपन्न, खेल प्रतियोगिताओं में दिखा जोश

 

महेंद्रगढ़

गांव बसई में बाबा बजरंगबली का 63वां वार्षिक मेला श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। दो दिवसीय इस मेले में खेल प्रतियोगिताओं, धार्मिक आयोजनों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। मंदिर कमेटी प्रधान गोविंद शर्मा ने बताया कि यह मेला सन 1963 में शुरू हुआ था। इसके संस्थापक डॉ. कमल सिंह खेड़ी सनसनवाल थे, जो उस समय गांव बसई में पशु चिकित्सक के रूप में कार्यरत थे। अब 95 वर्ष की आयु में भी डॉ. कमल सिंह हर वर्ष इस मेले में शामिल होते हैं। इस बार स्वास्थ्य ठीक न होने के बावजूद वे विशेष साधन से कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, जिससे श्रद्धालुओं में उत्साह का संचार हुआ।


मेले के पहले दिन खेलों का शुभारंभ डॉ. बृजपाल सिंह चौहान ने किया, जबकि दूसरे दिन जिला पार्षद पूनम देवी ने प्रतियोगिताओं का उद्घाटन किया। इस अवसर पर डॉ. बृजपाल सिंह ने मंदिर कमेटी को 11,000 रुपए की राशि भेंट की, वहीं पूनम देवी ने 21,000 रुपए का आर्थिक सहयोग दिया। उन्होंने घोषणा की कि खेल मैदान में पार्षद कोटे से 11 लाख रुपए की लागत से विकास कार्य शीघ्र करवाया जाएगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता राजपा युवा अध्यक्ष राकेश तंवर ने की, जबकि पारितोषिक वितरण का कार्य पर्यावरण विभाग के अधिकारी हरीश शर्मा द्वारा किया गया। मेले में ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ी। महिलाओं ने मेले में जमकर खरीदारी की, वहीं बच्चों ने खिलौनों और झूलों का आनंद लिया। दुकानों पर देर शाम तक रौनक बनी रही। मेले का मुख्य आकर्षण लड़कियों की कबड्डी प्रतियोगिता रही, जिसमें संस्कार भारती स्कूल पाली की टीम ने शानदार प्रदर्शन कर प्रथम स्थान प्राप्त किया। पानीपत कलवाला की टीम दूसरे स्थान पर रही।

विशेष रूप मेले में पहुंचे डॉ कमल सिंह


खेल प्रतियोगिताओं के परिणाम इस प्रकार रहे:

100 मीटर दौड़ में जॉनी (दुधवा) प्रथम, हितेश (माधोगढ़) द्वितीय, हिमांशु (ओजस स्पोर्ट्स अकादमी) तृतीय रहे। 1500 मीटर दौड़ में मोहन सांगवान (आदमपुर) प्रथम, आजाद (बसई) द्वितीय, पवन (आदमपुर) तृतीय रहे। महिलाओं की 100 मीटर मटका दौड़ में प्रमिला (बाढ़ डालनेवास) प्रथम व संतोष द्वितीय स्थान पर रहीं। 400 मीटर महिलाओं की दौड़ में भारती (भिवानी) ने प्रथम, रवीना (दिनोद) ने द्वितीय, और दिव्या (दिनोद) ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। बुजुर्गों की 100 मीटर दौड़ में गिरधारी (बस पहाड़ी) प्रथम, मनोहर (वी पहाड़ी) द्वितीय तथा रोशन लाल (कनीना) तृतीय रहे।


कार्यक्रम में मंदिर कमेटी प्रधान मास्टर गोविंद शर्मा, दिलीप सिंह शेखावत, ओम प्रकाश, वीबीएन स्कूल के प्राचार्य लक्ष्मण सिंह, जनता स्कूल अध्यक्ष महेंद्र सिंह, प्रवक्ता पवन अहरोदिया , किशन सिंह,सतीश (हरियाणा पुलिस), पूर्व सरपंच हरिओम सिंह, मार्केट कमेटी पूर्व अध्यक्ष डालू सिंह, सरपंच प्रतिनिधि भगत सिंह, इनेलो प्रेस प्रवक्ता लाल सिंह घाटी, मुकेश सोनी, मास्टर सतबीर सिंह, पूर्व सरपंच सुरेश, कालू सिंह, डॉ. कमल सिंह, मास्टर रमेश खींची, राजू कोच, जितेंद्र कोच व रमेश साहब सहित क्षेत्र के अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।


हरियाली संग बंधे पवित्र रिश्ते — बसई गांव में बिना दहेज की अनोखी शादी बनी मिसाल -नीरज व ट्विंकल ने पांच पौधे लगाकर दिया नई सोच को जन्म

 

महेंद्रगढ़ 

क्षेत्र के गांव बसई में एक ऐसी अनोखी शादी हुई जिसने पूरे इलाके में नई मिसाल कायम कर दी। यहां सेवानिवृत्त सूबेदार श्रीराम यादव की पोती और पूर्व कमांडो नरेंद्र यादव, सदस्य आदर्श युवा मंच बसई की पुत्री ट्विंकल का विवाह गांव जोनावास निवासी नीरज पुत्र रामबीर यादव के साथ हुआ। इस विवाह की सबसे बड़ी विशेषता रही कि वर पक्ष ने दहेज लेने से साफ इनकार करते हुए दहेज के स्थान पर केवल पाँच पौधे लगाने का आग्रह किया।

लड़के के दादा नित्यानंद यादव, जो जोनावास गांव के पूर्व सरपंच रह चुके हैं, ने कहा कि यह विवाह समाज को प्रेरणा देने वाला है। विवाह स्थल पर वर-वधू ने स्वयं अपने हाथों से पाँच पौधे लगाए और यह संकल्प लिया कि हर वर्ष अपनी वैवाहिक वर्षगांठ पर नए पौधे लगाकर उनका पालन-पोषण करेंगे।


ब्राह्मण सभा के कॉलेजियम सदस्य एवं आदर्श युवा मंच के कोषाध्यक्ष समाजसेवी राजकुमार शर्मा ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि “पेड़ हमारे जीवन का आधार हैं, और इन्हें लगाकर यह परिवार न केवल पर्यावरण की रक्षा कर रहा है, बल्कि समाज को सादगी और जागरूकता का संदेश भी दे रहा है।”

सवेरा स्वयंसेवी संस्था के प्रदेश अध्यक्ष मनोज गौतम ने कहा कि “जहाँ दहेज नहीं, वहाँ सच्चा स्नेह है और जहाँ पेड़ लगते हैं, वहाँ जीवन गूँजता है।” उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे इस दहेज-मुक्त पहल को आगे बढ़ाएँ और इसे एक आंदोलन का रूप दें।

भाजपा युवा नेता एवं विधायक पुत्र राहुल यादव ने इस शादी को “पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सुधार का सुंदर संगम” बताते हुए नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि यह विवाह सादगी, संस्कार और प्रेरणा का प्रतीक है।

विवाह समारोह में पूर्व चेयरमैन डालू सिंह, सेवानिवृत्त प्राचार्य विष्णु जोशी, जनता स्कूल बसई के प्राचार्य महेंद्र सिंह यादव, पूर्व पंच सूबे सिंह यादव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति व ग्रामीण उपस्थित रहे। सभी ने इस पहल को समाज के लिए एक नई दिशा बताया।

इस दहेज-मुक्त विवाह ने यह साबित कर दिया कि “हमने दहेज नहीं, पाँच पेड़ लगाए हर रिश्ते को हरियाली से सजाए।” यह शादी न केवल एक पारिवारिक आयोजन रही, बल्कि समाज में यह संदेश भी छोड़ गई कि पेड़ लगाना सबसे बड़ा दान है और दहेज सबसे बड़ी बुराई।

सोमवार, 3 नवंबर 2025

ज्ञानकोष-ए ग्लोबल स्कूल में हुआ रक्तदान शिविर, समाजसेवा की बनी मिसाल रक्तदान जीवनदान है, इसे अपनी आदत बनाएं — डॉ. आकाश गोयल

 

महेन्द्र गढ़

आज के युग में रक्तदान को सबसे बड़ा मानवीय कार्य माना जाता है क्योंकि यह किसी ज़रूरतमंद व्यक्ति को नई ज़िंदगी देने का माध्यम बनता है। इसी भावना को साकार करते हुए ज्ञानकोष-ए ग्लोबल स्कूल, खरखड़ा आकोदा में सोमवार को एक भव्य रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों, शिक्षकों, समाजसेवियों और स्थानीय नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और मानवता की सच्ची मिसाल पेश की।

शिविर का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. आकाश गोयल और कार्यक्रम की अध्यक्षता आकोदा पेक्स के चेयरमैन नरेश गुप्ता के करकमलों द्वारा किया गया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. आकाश गोयल ने कहा कि “रक्तदान एक ऐसा पुण्य कार्य है जो किसी को जीवन की नई आशा देता है। हर स्वस्थ व्यक्ति को समाज के प्रति अपने दायित्व के रूप में नियमित रूप से रक्तदान करना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि रक्तदान से किसी भी प्रकार की कमजोरी नहीं आती बल्कि शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है।

कार्यक्रम के अध्यक्ष नरेश गुप्ता ने कहा कि इस प्रकार के मानवीय कार्यों से विद्यार्थियों में सेवा, करुणा और जिम्मेदारी की भावना का विकास होता है। उन्होंने कहा कि जब युवा वर्ग ऐसे कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेता है तो समाज में सकारात्मक ऊर्जा और सहयोग की भावना मजबूत होती है। ज्ञानकोष-ए ग्लोबल स्कूल के सीईओ राकेश कुमार ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज में मानवता, करुणा और सहयोग की भावना को प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने सभी रक्तदाताओं और सहयोगियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि विद्यालय सदैव समाज सेवा के क्षेत्र में आगे रहेगा।

कार्यक्रम के दौरान विद्यालय परिसर में जोश और उत्साह का माहौल देखने को मिला। बड़ी संख्या में छात्रों, शिक्षकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, स्थानीय नागरिकों और महिलाओं ने इस रक्तदान शिविर में भाग लेकर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई। विद्यालय के प्राचार्य रामनिवास ने कहा कि रक्तदान को “महादान” कहा गया है क्योंकि रक्त का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि संस्था सभी रक्तदाताओं का तहे दिल से आभार व्यक्त करती है जिन्होंने इस पुण्य कार्य में स्वेच्छा से भाग लिया।

शिविर के सफल आयोजन में नर्सिंग ऑफिसर सुरभि, लैब टेक्नीशियन सुनील, मोहनलाल और अजय सहित अन्य स्टाफ सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने पूरे कार्यक्रम को व्यवस्थित ढंग से संचालित किया ताकि रक्तदाताओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

कार्यक्रम के अंत में सभी रक्तदाताओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। विद्यालय प्रशासन ने सभी वॉलिंटियर्स, शिक्षकों और स्टाफ सदस्यों का विशेष धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके सहयोग और समर्पण से ही यह रक्तदान शिविर सफल हो सका। इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने यह संकल्प लिया कि वे आगे भी नियमित रूप से रक्तदान करेंगे और दूसरों को भी प्रेरित करेंगे। शिविर ने यह संदेश दिया कि रक्तदान केवल दान नहीं, बल्कि जीवनदान है और यही भावना एक सशक्त, संवेदनशील व मानवतावादी समाज की नींव रखती है।