मंगलवार, 29 जुलाई 2025

गांव खुडाना मोड़ पर ‘दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल तोमर चौक’ का भव्य उद्घाटन, ऐतिहासिक विरासत को मिली नई पहचान 29एमजीएच001 भास्कर न्यूज। आकोदा गांव खुडाना के मुख्य मोड़ पर ऐतिहासिक महत्व रखने वाले दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल तोमर के नाम पर बनाए गए ‘महाराजा अनंगपाल तोमर चौक’ का मंगलवार को भव्य उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर सैकड़ों लोगों ने भाग लिया और एक विशाल शोभा यात्रा निकाली गई। यह कार्यक्रम क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहर और तोमर वंश के महान शासक महाराजा अनंगपाल द्वितीय की याद में आयोजित किया गया, जिन्होंने दिल्ली की नींव रखी थी। दिल्ली के संस्थापक को समर्पित चौक गांव खुडाना के मुख्य मोड़, जो आकोदा से सतनाली और खुडाना से बास खुडाना जाने वाले मार्ग का प्रमुख जंक्शन है, को अब ‘दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल तोमर चौक’ के नाम से जाना जाएगा। उद्घाटन समारोह में मुख्य रूप से युवा समाजसेवी हैप्पी तंवर खुडाना और स्थानीय गणमान्य लोगों ने भाग लिया। हैप्पी तंवर ने मीडिया से बातचीत में कहा, “महाराजा अनंगपाल तोमर हमारे पूर्वज थे। उन्होंने 11वीं शताब्दी में दिल्ली को बसाया और उसे ढिल्ली या ढिलीका नाम दिया। उनकी स्मृति में यह चौक स्थापित कर हम अपनी विरासत को सम्मान दे रहे हैं।” उन्होंने आगे बताया कि गांव खुडाना को ‘40सी’ कहा जाता है क्योंकि इस गांव से 40 अन्य गांवों की उत्पत्ति हुई है। इनमें खेडी तलवाना, निंबी, पाली, जाट, भुरजट, झगडोली, पाथेडा, चितलांग, भांडोर, कैमला, सिगड़ी राजपूत, पोता समेत उत्तर भारत और हरियाणा के कई गांव शामिल हैं। गांव खुडाना की स्थापना 1135 ईस्वी में इमरत सिंह ने की थी। भव्य शोभा यात्रा से हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ चौक का उद्घाटन करने से पहले सुबह एक विशाल शोभा यात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ों मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर और चारपहिया वाहन शामिल हुए। युवा और बुजुर्गों ने मिलकर महाराजा अनंगपाल तोमर की जयघोष के साथ यात्रा को भव्य रूप दिया। शोभा यात्रा के बाद सुबह 10:15 बजे औपचारिक रूप से चौक का उद्घाटन किया गया। इस मौके पर दिनेश तंवर (बास खुडाना), बिजेंद्र खुडाना, डॉ. नरेश, मंजीत तंवर, देशराज पाली, हिमांशु आकोदा, मौजी पहलवान अशोक तंवर बास खुडाना, प्रमोद तंवर, महासिंह, मोटा पहलवान रोहित, अक्षय, आनंद, अजय समेत सैकड़ों युवा साथी और ग्रामीण मौजूद रहे। कौन थे महाराजा अनंगपाल तोमर? महाराजा अनंगपाल तोमर, जिन्हें अनंगपाल द्वितीय के नाम से भी जाना जाता है, 11वीं शताब्दी में दिल्ली के तोमर वंश के एक महान शासक थे। इतिहासकारों के अनुसार, वे तोमर वंश के 16वें और अंतिम शासक थे, जिनके बाद दिल्ली पर चौहानों ने शासन किया। अनंगपाल तोमर को दिल्ली के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने दिल्ली शहर को बसाने का श्रेय अपने नाम किया। उस समय इस क्षेत्र को "ढिल्ली" या "ढिलीका" कहा जाता था। दिल्ली की ऐतिहासिक धरोहर में अनंगपाल का योगदान अनंगपाल तोमर का योगदान केवल दिल्ली बसाने तक सीमित नहीं था। उन्होंने कई ऐतिहासिक निर्माण कार्य करवाए, जिनमें शामिल हैं: • लालकोट किला: दिल्ली का सबसे पुराना किला, जिसे अनंगपाल तोमर ने बनवाया। • लौह स्तंभ की स्थापना: दिल्ली के महरौली में मौजूद लौह स्तंभ को वर्तमान स्थान पर स्थापित किया। यह स्तंभ मूल रूप से गुप्त सम्राट चंद्रगुप्त द्वितीय का था। • अनंग ताल और अनंगपुर बांध: दिल्ली और हरियाणा क्षेत्र में पानी की आपूर्ति और सिंचाई के लिए इनका निर्माण करवाया। दिल्ली के नामकरण से जुड़ी प्रसिद्ध कथा एक लोकप्रिय कथा के अनुसार, अनंगपाल तोमर ने जब दिल्ली में लौह स्तंभ स्थापित किया, तो एक ब्राह्मण ने उनसे कहा कि यह स्तंभ वासुकी नाग के सिर पर टिका हुआ है और जब तक यह सीधा खड़ा रहेगा, उनका शासन अटूट रहेगा। राजा ने सत्यता परखने के लिए स्तंभ को खोदने का आदेश दिया। जब स्तंभ निकाला गया तो वह खून से सना हुआ निकला। राजा ने स्तंभ को पुनः गाड़ने का आदेश दिया, लेकिन वह पहले जैसा सीधा नहीं रह पाया और ढीला रह गया। इसी कारण इस क्षेत्र का नाम ‘ढिल्ली’ पड़ा, जो समय के साथ ‘दिल्ली’ बन गया। ऐतिहासिक धरोहर को सम्मान देने का प्रयास कार्यक्रम के आयोजकों का कहना है कि महाराजा अनंगपाल तोमर जैसे महान शासकों की गाथा आज की पीढ़ी को बताना बेहद जरूरी है। हैप्पी तंवर ने कहा, “दिल्ली को बसाने वाले महाराजा अनंगपाल तोमर जैसे महापुरुषों का इतिहास नई पीढ़ी तक पहुंचे, इसी उद्देश्य से यह चौक स्थापित किया गया है। आने वाले समय में इस चौक को और भी आकर्षक रूप दिया जाएगा, ताकि लोग यहां आकर हमारे इतिहास को जान सकें।” स्थानीय ग्रामीणों का भी मानना है कि इस तरह के प्रयासों से समाज में अपनी जड़ों के प्रति गर्व और सम्मान की भावना जागृत होती है। बुजुर्ग ग्रामीणों ने इसे गांव और पूरे क्षेत्र के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताया। भविष्य में सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण की योजना युवाओं ने कार्यक्रम के दौरान घोषणा की कि महाराजा अनंगपाल तोमर और तोमर वंश की ऐतिहासिक विरासत को सहेजने के लिए भविष्य में और भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साथ ही, इतिहास से जुड़ी स्मारक स्थलों के संरक्षण के लिए प्रशासन से सहयोग मांगा जाएगा। गांव खुडाना मोड़ पर ‘दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल तोमर चौक’ का उद्घाटन केवल एक नामकरण नहीं है, बल्कि यह हमारी जड़ों से जुड़ने और अपने गौरवशाली इतिहास को याद करने का एक प्रयास है। महाराजा अनंगपाल तोमर की वीरता और दूरदर्शिता को सलाम करते हुए यह चौक आने वाली पीढ़ियों को उनकी महान गाथा याद दिलाता रहेगा।

 

महेंद्रगढ़

गांव खुडाना के मुख्य मोड़ पर ऐतिहासिक महत्व रखने वाले दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल तोमर के नाम पर बनाए गए ‘महाराजा अनंगपाल तोमर चौक’ का मंगलवार को भव्य उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर सैकड़ों लोगों ने भाग लिया और एक विशाल शोभा यात्रा निकाली गई। यह कार्यक्रम क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहर और तोमर वंश के महान शासक महाराजा अनंगपाल द्वितीय की याद में आयोजित किया गया, जिन्होंने दिल्ली की नींव रखी थी।

दिल्ली के संस्थापक को समर्पित चौक

गांव खुडाना के मुख्य मोड़, जो आकोदा से सतनाली और खुडाना से बास खुडाना जाने वाले मार्ग का प्रमुख जंक्शन है, को अब ‘दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल तोमर चौक’ के नाम से जाना जाएगा। उद्घाटन समारोह में मुख्य रूप से युवा समाजसेवी हैप्पी तंवर खुडाना और स्थानीय गणमान्य लोगों ने भाग लिया। हैप्पी तंवर ने मीडिया से बातचीत में कहा, “महाराजा अनंगपाल तोमर हमारे पूर्वज थे। उन्होंने 11वीं शताब्दी में दिल्ली को बसाया और उसे ढिल्ली या ढिलीका नाम दिया। उनकी स्मृति में यह चौक स्थापित कर हम अपनी विरासत को सम्मान दे रहे हैं।”उन्होंने आगे बताया कि गांव खुडाना को ‘40सी’ कहा जाता है क्योंकि इस गांव से 40 अन्य गांवों की उत्पत्ति हुई है। इनमें खेडी तलवाना, निंबी, पाली, जाट, भुरजट, झगडोली, पाथेडा, चितलांग, भांडोर, कैमला, सिगड़ी राजपूत, पोता समेत उत्तर भारत और हरियाणा के कई गांव शामिल हैं। गांव खुडाना की स्थापना 1135 ईस्वी में इमरत सिंह ने की थी।


भव्य शोभा यात्रा से हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ

चौक का उद्घाटन करने से पहले सुबह एक विशाल शोभा यात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ों मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर और चारपहिया वाहन शामिल हुए। युवा और बुजुर्गों ने मिलकर महाराजा अनंगपाल तोमर की जयघोष के साथ यात्रा को भव्य रूप दिया। शोभा यात्रा के बाद सुबह 10:15 बजे औपचारिक रूप से चौक का उद्घाटन किया गया। इस मौके पर प्रधान दिनेश तंवर (बास खुडाना), बिजेंद्र खुडाना, सरपंच प्रतिनिधि डॉ. नरेश सिंह, युवा नेता मंजीत तंवर, सरपंच देशराज पाली, हिमांशु आकोदा, मौजी पहलवान, अशोक तंवर बास खुडाना, प्रमोद तंवर, महासिंह, मोटा पहलवान रोहित, अक्षय, आनंद, अजय समेत सैकड़ों युवा साथी और ग्रामीण मौजूद रहे।

कौन थे महाराजा अनंगपाल तोमर?

महाराजा अनंगपाल तोमर, जिन्हें अनंगपाल द्वितीय के नाम से भी जाना जाता है, 11वीं शताब्दी में दिल्ली के तोमर वंश के एक महान शासक थे। इतिहासकारों के अनुसार, वे तोमर वंश के 16वें और अंतिम शासक थे, जिनके बाद दिल्ली पर चौहानों ने शासन किया।अनंगपाल तोमर को दिल्ली के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने दिल्ली शहर को बसाने का श्रेय अपने नाम किया। उस समय इस क्षेत्र को "ढिल्ली" या "ढिलीका" कहा जाता था।

दिल्ली की ऐतिहासिक धरोहर में अनंगपाल का योगदान

अनंगपाल तोमर का योगदान केवल दिल्ली बसाने तक सीमित नहीं था। उन्होंने कई ऐतिहासिक निर्माण कार्य करवाए, जिनमें शामिल हैं:

लालकोट किला: दिल्ली का सबसे पुराना किला, जिसे अनंगपाल तोमर ने बनवाया।

लौह स्तंभ की स्थापना: दिल्ली के महरौली में मौजूद लौह स्तंभ को वर्तमान स्थान पर स्थापित किया। यह स्तंभ मूल रूप से गुप्त सम्राट चंद्रगुप्त द्वितीय का था।

अनंग ताल और अनंगपुर बांध: दिल्ली और हरियाणा क्षेत्र में पानी की आपूर्ति और सिंचाई के लिए इनका निर्माण करवाया।

दिल्ली के नामकरण से जुड़ी प्रसिद्ध कथा

एक लोकप्रिय कथा के अनुसार, अनंगपाल तोमर ने जब दिल्ली में लौह स्तंभ स्थापित किया, तो एक ब्राह्मण ने उनसे कहा कि यह स्तंभ वासुकी नाग के सिर पर टिका हुआ है और जब तक यह सीधा खड़ा रहेगा, उनका शासन अटूट रहेगा।

राजा ने सत्यता परखने के लिए स्तंभ को खोदने का आदेश दिया। जब स्तंभ निकाला गया तो वह खून से सना हुआ निकला। राजा ने स्तंभ को पुनः गाड़ने का आदेश दिया, लेकिन वह पहले जैसा सीधा नहीं रह पाया और ढीला रह गया। इसी कारण इस क्षेत्र का नाम ‘ढिल्ली’ पड़ा, जो समय के साथ ‘दिल्ली’ बन गया।

ऐतिहासिक धरोहर को सम्मान देने का प्रयास

कार्यक्रम के आयोजकों का कहना है कि महाराजा अनंगपाल तोमर जैसे महान शासकों की गाथा आज की पीढ़ी को बताना बेहद जरूरी है। हैप्पी तंवर ने कहा, “दिल्ली को बसाने वाले महाराजा अनंगपाल तोमर जैसे महापुरुषों का इतिहास नई पीढ़ी तक पहुंचे, इसी उद्देश्य से यह चौक स्थापित किया गया है। आने वाले समएय में इस चौक को और भी आकर्षक रूप दिया जाएगा, ताकि लोग यहां आकर हमारे इतिहास को जान सकें।”

स्थानीय ग्रामीणों का भी मानना है कि इस तरह के प्रयासों से समाज में अपनी जड़ों के प्रति गर्व और सम्मान की भावना जागृत होती है। बुजुर्ग ग्रामीणों ने इसे गांव और पूरे क्षेत्र के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताया।

भविष्य में सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण की योजना

युवाओं ने कार्यक्रम के दौरान घोषणा की कि महाराजा अनंगपाल तोमर और तोमर वंश की ऐतिहासिक विरासत को सहेजने के लिए भविष्य में और भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साथ ही, इतिहास से जुड़ी स्मारक स्थलों के संरक्षण के लिए प्रशासन से सहयोग मांगा जाएगा।

 गांव खुडाना मोड़ पर ‘दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल तोमर चौक’ का उद्घाटन केवल एक नामकरण नहीं है, बल्कि यह हमारी जड़ों से जुड़ने और अपने गौरवशाली इतिहास को याद करने का एक प्रयास है। महाराजा अनंगपाल तोमर की वीरता और दूरदर्शिता को सलाम करते हुए यह चौक आने वाली पीढ़ियों को उनकी महान गाथा याद दिलाता रहेगा।

मंगलवार, 22 जुलाई 2025

शिव मंदिर ढाणी आकोदा में विशाल भंडारा 24 जुलाई को

महेंद्रगढ़

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शिव रात्रि पर्व पर शिव मंदिर ढाणी आकोदा में 24 जुलाई 2025 वार बृहस्पतिवार को विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है।

अतः शिव मंदिर कमेटी व समस्त ग्राम वासी ढाणी व आकोदा आप सभी भक्त जनो व धर्मप्रेमियों से निवेदन करता है  कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचकर बाबा भोलेनाथ का आशीर्वाद लेकर प्रसाद ग्रहण करे

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रविवार, 20 जुलाई 2025

शरारती तत्वों ने ब्लॉक समिति की जिला उपाध्यक्ष का साइन बोर्ड उखाड़ा, पुलिस में दी शिकायत

 

महेंद्रगढ़

महेंद्रगढ़ ब्लॉक समिति की जिला उपाध्यक्ष शिवानी तंवर का साइन बोर्ड अज्ञात शरारती तत्वों द्वारा उखाड़े जाने का मामला प्रकाश में आया है।

गांव आदलपुर निवासी रणधीर सिंह ने आकोदा पुलिस चौकी में दी शिकायत में बताया कि उनकी बेटी शिवानी तंवर महेंद्रगढ़ ब्लॉक समिति की जिला उपाध्यक्ष है। उनके निवास स्थान का एक साइन बोर्ड सरकार द्वारा मुख्य मार्ग पर लगाया गया था। यह साइन बोर्ड 18 जुलाई की रात्रि को कोई शरारती तत्व उखाड़ कर ले गया। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है।

खुडाना में युवाओं ने धूमधाम से मनाई अनंगपाल की जयंती -खुडाना मोड़ पर युवा लगाएंगे अनंगपाल तोमर का साइन बोर्ड

 

महेंद्रगढ़

गांव खुडॉना में रविवार को अनंगपाल तोमर की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर आकोदा से खुडाना जाते समय खुडाना मोड पर उनका एक साइन बोर्ड लगाने के लिए भी नींव रखी गई। इस विषय में जानकारी देते हुए युवा भाजपा नेता मनजीत सिंह तंवर ने बताया कि अनंगपाल तोमर जो कि दिल्ली के तोमर वंश के एक प्रमुख शासक थे उन्हें 11वीं शताब्दी में दिल्ली शहर की स्थापना और दिल्ली के विकास का श्रेय दिया जाता है। 

अनंगपाल तोमर जिन्होंने आठवीं से 12वीं शताब्दी तक दिल्ली और आसपास के क्षेत्र पर शासन किया था। अनंगपाल तोमर ने दिल्ली को एक महत्वपूर्ण शहर बनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने लाल कोट जिसे किला राय पिथोरा भीं कहा जाता का निर्माण करवाया ओर एक झील का भी निर्माण करवाया था जो कि दिल्ली में पानी के स्रोत का मुख्य काम आती थी जो कि आज भी दिल्ली में मौजूद है और दिल्ली के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्तियों को माना जाता है। इसलिए आज हमारे गांव के बच्चे व गणमान्य व्यक्तियों ने खुडाना मोड पर अनंगपाल तोमर का एक साइन बोर्ड लगाने का कार्य शुरू किया है जो की जल्दी ही इसको पूरा कर दिया जाएगा इस मौके पर काफी लोगों ने इस कार्य के लिए आर्थिक सहयोग भी दिया। इस अवसर पर  मनजीत सिंह तंवर, विजेंद्र सिंह तंवर, अशोक पंच, महासिंह पूर्व पंच, विजेंदर सिंह, प्रवीन तंवर, मोटा पहलवान, जजपा नेता हैप्पी तंवर, जम्मू तंवर मोनू, अक्षय, प्रमोद, रमेश, सुरेंद्र, कुल्लू, अजय, रोहित, अभिषेक, मोहित पंच अमित सभी क्षत्रिय बंधु उपस्थित रहे।

पाली में 21जुलाई को कार्यक्रम का आयोजन कर गांव में 5 हजार एक सौ पौधे लगाने का लक्ष्य किया जाएगा पूर्ण -अब तक टीम विभिन्न स्थानों पर लगा चुकी है 4850 पौधे

 

महेंद्रगढ़

गांव में ग्राम पंचायत पाली, संत बाबा जयरामदास फिजिकल एकेड़ी व बीजेआरी एक्स सर्विसमैन वेलफेर ग्रुप की तरफ से गांव को हरा भरा बनाने के लिए पौधारोपण अभियान शुरू किया हुआ है।

 जिसके तहत अब तक टीम के द्वारा गांव में विभिन्न स्थानों पर 4850 पौधे लगाए जा चुके है। वहीं 250 पेड़ लगाने अभी बाकी है जो 21 जुलाई को लगाए जाएंगे। जिसके उपलक्ष्य में 21 जुलाई को एसबीजेआरडी फिजिकल एकेडमी के प्रांगण में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसमें अतिथि के रूप में महंत स्वामी राजेन्द्र दास महाराज जटेला धाम, हरियाणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर टांकेश्वर कुमार, विधायक कंवर सिंह यादव, जिला अध्यक्ष यतेन्द्र राव, जिला प्रमुख डॉ. राकेश कुमार, सुंडाराम ट्रस्ट मालड़ा के जिला मंत्री संदीप, एमबीए एचओडी डॉ. सुनीता, जिला मंत्री अर्चना ठाकुर, पूर्व जिला प्रमुख महेंद्रगढ़ सुरेन्द्र कौशिक, भाजपा जिला महामंत्री योगेश, पटवारी सुनील राजपूत, असिस्टेंट प्रोफेशर डॉ. जितेन्द्र कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।

आकोदा के बसई रोड स्थित शिव मंदिर में भंडारा 22 जुलाई को

 

महेंद्रगढ़

गांव आकोदा के बसई रोड स्थित शिव मंदिर में 22 जुलाई को भंडारे का आयोजन किया जाएगा। 

इस विषय में जानकारी देते हुए कमेटी सदस्यों ने बताया कि हर साल के भांति इस साल भी शिवरात्रि पर्व से एक दिन पहले शिव मंदिर में विशाल व शुद्ध देशी घी के भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। इस बार यह भंडारा 22 जुलाई मंगलवार को आयोजित किया जाएगा। समस्त मंदिर कमेटी सदस्य, ग्राम पंचायत व ग्रामीणों ने क्षेत्र के समस्त श्रद्धालु व धर्मप्रेमियों से मंदिर में पहुंचकर बाबा का आशीर्वाद लेकर प्रसाद ग्रहण करने का आग्रह किया।

शनिवार, 19 जुलाई 2025

शिक्षा मनुष्य के जीवन का अनमोल उपहार और संस्कार जीवन का सार:- रामनिवास यादव

 

महेंद्रगढ़

दैनिक भास्कर द्वारा महेंद्रगढ में आयोजित शिक्षा और संस्कार नामक विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें महेंद्रगढ़ जिल के विभिन्न स्कूलों के चेयरमैन व प्राचार्यों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों में समाप्त हो रहे संस्कारों पर मंथन किया गया। इस परिचर्चा में खरकड़ा स्थित ज्ञानकोष-ए ग्लोबल स्कूल के प्राचार्य रामनिवास यादव ने प्रतिनिधित्व किया और इस ज्वलंत मुद्दे पर अपने सुझाव व विचार सांझा किए। 

प्राचार्य रामनिवास यादव ने अपने विचार अनेक आए हुए अभिभावकगण व शिक्षाविद्दों से सांझा करते हुए बताया कि शिक्षा और संस्कार एक दूसरे से जुड़े है। शिक्षा मनुष्य के जीवन का अनमोल उपहार है और संस्कार जीवन का सार है। आज हम अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में दाखिला दिलाकर संतुष्ट हो जाते है, परन्तु ये हमारी लापरवाही है आज हमारे समाज में संयुक्त परिवार टूटकर एकाकी परिवार बन गए है, दूसरा बच्चों के हाथों में मोबाईल फोन का आना व तीसरा कारण माता-पिता के पास अपने बच्चों के लिए समय का आभाव जिस कारण से आज के बच्चे चिड़चिड़े, हिंसक, व पथभ्रष्ट हो रहे है। आज हम भारतीय संस्कृति को भूलकर पाश्चात्य संस्कृति की और अग्रसर हो रहे है। 

उन्होंने अभिभावकों व शिक्षकों को आह्वान किया कि माता-पिता घर पर कुछ संस्कार डाले जैसे:- सदा सत्य बोले, दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहे, माता-पिता, शिक्षक और बड़ों का सम्मान करे, ईश्वर पर विश्वास रखे, सहनशील बने, सबसे प्रेम पूर्वक व्यवहार करे तथा हर विद्यालय अपने स्तर पर ऐसे आयोजन करे जिससे बच्चों में अनुशासन, आत्मसंयत, उत्तरदायित्व, आाकारिता, विनयशीलता, सहानुभूति, सहयोग, प्रतिस्पर्धा आदि गुणों का विकास हो सके। उन्होंने सभी प्राचार्यों से बच्चों की काउंशिलिंग करने का भी सुझाव दिया। अंत में उन्होंने कहा कि बच्चें देश का भविष्य है, इन्हें कुशल नागरिक बनाना हम सब शिक्षाविदों का परम कर्त्तव्य है।

एससी कैटगरी के लिए 90 प्रतिशत सब्सिडी

महेंद्रगढ़

एससी कैटेगरी के ग्रामीणों के लिए पशुपालन विभाग ने एक नई स्कीम को लांच किया हुआ है। 

जानकारी देते हुए डॉ वेद सांगवान ने बताया कि एससी कैटेगरी के जो भी ग्रामीण महिला व पुरुष जिनकी उम्र 18 से 55 वर्ष है वे 15 बकरी व एक बकरा तथा 15 भेड़  एक मिंडा अगर खरीदते हैं तो उनको सरकार द्वारा 98000 रुपए का लोन प्रदान किया जाता है।इस लोन पर 90% सब्सिडी सरकार देती है तथा दूसरी स्कीम के तहत अगर कोई एससी केटेगरी की महिला या पुरुष अगर दो या तीन भैंसों का लोन लेता है तो उस पर भी 50% की सब्सिडी सरकार द्वारा दी जाती है अधिक जानकारी या रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आकोदा क्षेत्र के ग्रामीण आकोदा के पशु अस्पताल जा कर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।