गांव बसई में कई साल पहले डीआरडीए के तहत बनाए गए बांध को तोड़कर मिट्टी उठाने के मामले को लेकर ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीण सुनील कुमार, रामवीर सिंह, अशोक कुमार, प्रधान विक्रम सिंह, अनूप शर्मा, जुगन सिंह, सोनू तंवर, बजरंग सिंह आदि ने बताया कि सरपंच द्वारा हमारे गांव की फिरनी का कार्य शुरू किया हुआ है। यह फिरनी गोगा के मंदिर से पीछे के होकर जाती है तो वहां पर एक सरकार द्वारा कई साल पहले पहाड़ से आने वाले बारिश के पानी को रोकने के लिए एक बांध बनाया गया था जिस पर काफी पैसा खर्च करके एक तिलानुमा बांध वहां पर बनाया गया था। ग्रामीणों का आरोप है कि अब सरपंच इस बांध की मिट्टी को ठेकेदार को बेचकर जोहड़ में डलवा रहा है ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जोहड़ में ठेकेदार द्वारा कार्य किया जा रहा है वह ठेकेदार का काम होता है कि ठेकदार मिट्टी कहा से और कैसे लाएगा।
उन्होंने सरपंच प्रतिनिधि पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा की सरपंच ने पैसे लेकर मिट्टी को ठेकेदार को बिक्री कर दिया है जिससे कि पुराना बांध भी डैमेज हो जाएगा और उसके ऊपर जो पेड़ पौधे लगे हुए हैं वह भी उखाड़ रहे हैं। ग्रामीणों ने सरकार व संबंधित विभाग से मांग की है कि इसकी जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।
इस बारे में जब सरपंच प्रतिनिधि भगत सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह जो मिट्टी टीला है यह फिरनी के रास्ते के बीच में आ रहा है और हमने इस फिरनी को बनाने के लिए यह टीला उठाना जरूरी था। उन्होंने बताया कि बांध नुमा टीलाभी गांव बसई का है और जहां पर हम यह मिट्टी डाल रहे हैं वह भी गांव बसई का जोहड़ है दोनों ही एक ही पंचायत के हैं तो वहां से उठाकर मिट्टी जोहड़ में डालने में कोई एतराज नहीं है। सरपंच प्रतिनिधि ने मिट्टी की बिक्री के आरोप को निराधार बताया।
इस बारे में जब विभाग के जेई रिंकू से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मिट्टी कहा से आ रही है इस बात की जानकारी मुझे नहीं है यह तो गांव के सरपंच का ही फर्ज बनता है कि वह कहां से मिट्टी उठवा कर कहा डलवाता है मेरे संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं है।