महेंद्र गढ़
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जून माह को मलेरिया रोधक माह के रूप में घोषित कर रखा है। इसी कड़ी में जिला मलेरिया अधिकारी डॉ मनीष यादव के आदेश व सीनियर मैडिकल ऑफिसर डॉ विक्रम की देख-रेख में डॉ आकाश गोयल व दिलबाग शर्मा स्वास्थ्य निरीक्षक ने पाली के अधीन सभी आशा वर्कर व स्टाफ को मलेरिया रोकथाम हेतू पूर्ण जानकारी दी। स्वास्थ्य निरीक्षक ने बताया कि मलेरिया एनाफलीज मादा मच्छर के काटने से फैलता है। जब कोई मच्छर संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो खून चूसता है। वहीं मच्छर जब स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो कुछ मात्रा में पैरासइट उसके खून में छोड़ देता है जिससे वह भी मलेरिया ग्रसित हो जाता है। उन्होंने बताया कि मादा
एनाफीज सैकड़ों में अंडे देती है। जिसको हम नंगी आंखों से देख भी नहीं पाते। यही अंडे प्यूपा, फिर लारवा, फिर मच्छर का रूप धारण कर लेते है। हमें अपने घरों व घरों के आस-पास पानी इक्ट्ठा नहीं होने देना है और यदि पानी इक्ट्ठा है तो उसमें कोई भी तेल जैसे सरसों, मिटी या काला तेल पानी में डाल सकते है। जिसे लारवा पानी स्तह पर नहीं आ पाता व अपने आप नष्ट हो जाता है। इसी प्रकार घरों में कुलर, गमलो, छत पर ढक्कन,टायर या दूसरे कंटेनर में पानी कई दिनों तक इक्टठा न होने दे। सप्ताह में एक बार टैंक व कूलरों में पानी को सूखाकर व साफ करके ही दोबारा से पानी डाले ताकि मच्छर न पनप सके। उन्होंने बताया कि मलेरीया रोकथाम हेतू उप स्वास्थ्य केन्द्र पर कर्मचारी नियुक्त है जो अपने अधीन क्षेत्र में रोग ग्रसित व्यक्ति की रक्त पट्टीका घरों में जाकर बनाते है। और लैब में ट्रेस्ट करवाते है। किसी व्यक्ति के संक्रमित पाए जाने पर नि:शुल्क में दवा दी जाती है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के घरों के आस-पास दवा की छिड़काव भी किया जाता है ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके। इस मौके पर डीएस संदीप, एमपीएचडब्ल्यू फते सिंह, मन्नू, पूनम,संतोष,रेणु, भतेरी देवी, जोगेंदर सिंह आशा ब्लॉक कोर्डिनेटर, अंशु मित्तल, सहित अन्य आशा वर्कर व कर्मचारी उपस्थित रहे।
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