महेंद्र गढ़ 2 अप्रैल 2024
गांव पाली के सरकारी स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए धोली झाखडी के ग्रामीणों ने युद्ध स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए हैं। वहीं झाखड़ी से पाली स्थित सरकारी स्कूल में जाने वाले बच्चों के लिए समाजसेवी रविन्द्र की तरफ से एक टैम्पों की व्यवस्था भी की गई है जो गांव से सभी बच्चों को प्रतिदिन स्कूल व स्कूल से गांव में नि:शुल्क छोड़ने का कार्य करेगा। गांव के सरपंच मास्टर अमित कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि आज कल प्राइवेट स्कूलों का क्रेज बढ़ने के कारण सरकारी स्कूलों में बच्चे काफी कम हो गए हैं। लेकिन आज भी उनके गांव से करीब 30 के आस-पास बच्चें पाली स्थित सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए जाते है। बच्चों के लिए वाहन की व्यवस्था न होने की वजह से इन बच्चों को प्रतिदिन करीब पांच किलोमटर का सफर पैदल या निजी वाहनों से लिफ्ट लेकर ही पूरा करना पड़ता था। ऐसे में सभी विद्यार्थियों के सामने काफी विकट समस्या आ रही थी। जिसको देखते हुए गांव के समाजसेवी रविन्द्र ने बच्चों के लिए एक नया टैम्पों शुरू किया है। जो बच्चों को नि:शुल्क में स्कूल व स्कूल से गांव लाने लेजाने का कार्य करेगा।
सरपंच मास्टर अमित कुमार ने बताया कि सरकारी स्कूल भी प्राइवेट स्कूलों से पीछे नहीं है। सभी सरकारी स्कूलों में अच्छे क्वालिफाइड टीचर होते है। लेकिन सरकारी स्कूलों में बच्चों को घर से लाने व लेजाने की कोई व्यवस्था न होने के चलते ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों की बचाए निजी स्कूलों में भेजने का कार्य करते है। आज के इस समय में प्राइवेट स्कूलों के द्वारा वसूली जा रही भारी फीस ने जहां मध्यम वर्ग की कमर को तोड़कर रख दिया है। वहीं सरकार के द्वारा प्रदेश भर में मॉडल संस्कृति स्कूलों को शुरू करके शिक्षा के स्तर में भी सुधार करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने आमजन से अपील करके अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजने व निजी स्कूलों द्वारा की जा रही लूट खसूट से बचने की अपील की।
जब इस विषय में स्कूल के प्राचार्य डॉक्टर ईश्वर चंद्र से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गांव झाखड़ी से विद्यालय में करीब 30 के आस-पास बच्चे पढ़ने के लिए आ रहे है। समाजसेवी रविन्द्र द्वारा बच्चों के लिए टैम्पों की शुरूआत एक अच्छी पहल है। इससे जहां सरकारी स्कूल के बच्चों को भी प्राइवेंट स्कूल की तर्ज पर वाहन का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि गांव से टैम्पों शुरू होने पर उन्हें पुरा विश्वास है कि विद्यालय में बच्चों की संख्या भी अवश्य बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि विद्यालय में बच्चों को प्राइवेट स्कूलों तर्ज पर ही पाठ्यक्रम के साथ-साथ बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयारी करवाई जाती है ताकि बच्चें अपना आधार बनाकर आगे चलकर उच्च परिक्षाओं में भी सफल हाे सके। उन्होंने सभी अभिभावकों से अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में करवाने की अपील की। इस अवसर पर धर्मवीर ठेकेदार, मास्टर नाथूराम हरज्ञान पंच, हवलदार ईश्वर, बंसीलाल डीलर सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
जब इस विषय में जब रविंद्र यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेरा गांव बालरोड है और मैं धोली के पास ट्यूबवेल पर रहता हूं जब दोपहर में यह सब गरीब बच्चे सरकारी स्कूल से पढ़ कर वापस आते हैं तो धूप में इनका चेहरा लाल रहता है और बड़े परेशान रहते हैं, पसीना-पसीना रहते हैं जिनको देखकर मैंने सोचा कि इन बच्चों के लिए एक साधन की व्यवस्था की जाए ताकि गरीब बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सके और आने-जाने में जो परेशानी होती है या जो टाइम खराब होता है वह इनका बच सके और उस समय को ये अपनी पढ़ाई में लगा सके। उन्होंने बताया कि अगर बच्चे ज्यादा होंगे तो जरूरत के हिसाब से दूसरा टेम्पो भी लगाया जाएगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें