नारनौल, 27 मार्च।
मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आगामी ग्रीष्म ऋतु के दौरान सामान्य से अधिक तापमान की संभावना का संकेत दिया है। आने वाली ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए उपायुक्त मोनिका गुप्ता (आईएएस) ने जिला के निवासियों के लिए एडवाइजरी जारी की है।
डीसी ने बताया कि हीट वेव के प्रभाव को कम करने के संबंध में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा जारी की गई हिदायतों की पालना जरूरी है। अगर सभी नागरिक कुछ ऐतिहात बरतें तो इसके प्रकोप से बचा जा सकता है।
उपायुक्त ने बताया कि हीट वेव के परिणामस्वरूप मृत्यु भी हो सकती है। उन्होंने बताया कि आने वाले गर्मी के सीजन के दौरान धूप में विशेष कर दोपहर 12 से 3 बजे के दौरान बाहर जाने से बचें। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, भले ही प्यास न लगे।
हल्के रंग के ढीले और छिद्रयुक्त सूती कपड़े पहनें। धूप में बाहर जाते समय सुरक्षात्मक चश्मे, छाता, टोपी, जूते या चप्पल का उपयोग करें।
उन्होंने बताया कि जब बाहर का तापमान अधिक हो तो अधिक शारीरिक गतिविधियों से बचें। दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच बाहर काम करने से बचें। यात्रा करते समय अपने साथ पानी रखें। शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड शीतल पेय से बचें। उच्च प्रोटीन वाले भोजन से बचें और बासी भोजन न खाएं।
उन्होंने बताया कि अगर आप बाहर काम करते हैं तो टोपी या छाता का इस्तेमाल करें और अपने सिर, गर्दन, चेहरे और अंगों पर नम कपड़ा भी रखें। बच्चों या पालतू जानवरों को पार्क की गई गाड़ियों में न छोड़ें।
अगर आपको बेहोशी या बीमार महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। ओआरएस घर में बने पेय पदार्थ जैसे लस्सी, तोरणी (चावल का पानी), नींबू पानी, छाछ आदि का इस्तेमाल करें, जो शरीर को फिर से हाइड्रेट करने में मदद करते हैं। जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पीने के लिए भरपूर पानी दें। अपने घर को ठंडा रखें, रात में पर्दे, शटर या सनशेड का इस्तेमाल करें और खिड़कियां खोलें।
पंखे, नम कपड़ों का इस्तेमाल करें और बार-बार ठंडे पानी से नहाएं।
सनस्ट्रोक से प्रभावित व्यक्ति के उपचार के लिए ये करें
अगर किसी नागरिक को सनस्ट्रोक हो जाए तो उसे ठंडी जगह व छाया में लिटाएं। उसे गीले कपड़े से पोंछें व शरीर को बार-बार धोएं। सिर पर सामान्य तापमान का पानी डालें। मुख्य मकसद शरीर के तापमान को कम करना है।
व्यक्ति को ओआरएस या नींबू का शर्बत, तोरानी या जो भी शरीर को पुनः हाइड्रेट करने के लिए उपयोगी हो पिलाएं। व्यक्ति को तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं। रोगी को तुरंत अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता है, क्योंकि हीट स्ट्रोक घातक हो सकता है।
डंडे वातावरण से आए नागरिक बरतें सावधानियां
डीसी ने बताया कि जोखिम वाले लोग वे हैं जो ठंडे वातावरण से गर्म वातावरण में आए हैं। यानी किसी ऐसे प्रदेश या देश से आए हैं जहां बहुत अधिक ठंड है। हो सकता है कि गर्मी के मौसम में आपके परिवार में ऐसे व्यक्ति आए हों। उन्हें एक सप्ताह की अवधि तक खुले मैदान में नहीं घूमना चाहिए जब तक कि शरीर गर्मी के अनुकूल न हो जाए और उन्हें खूब पानी पीना चाहिए। गर्मी के दौरान धीरे-धीरे गर्म वातावरण के संपर्क में आने से अनुकूलन प्राप्त होता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें