मंगलवार, 14 जनवरी 2025

आकोदा स्थित बाबा साध धाम इलाके के लोगों के लिए बना हुआ है आस्था व श्रद्धा का प्रतिक -मंदिर प्रांगण में वर्ष में तीन बार लगता है विशाल मेला व भंडारा

 महेंद्र गढ़

क्षेत्र के गांव बाबा साध धाम पर मंगलवार को मकर संक्रांति के उपलक्ष में विशाल मेले का आयोजन किया गया। जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में हाजरी लगाई। वहीं महिलाओं व बच्चों ने मेले में खरीददारी करके आनंद उठाया व बच्चों ने झूले का आनंद भी उठाया। बाबा धाम पर सुबह हवन यज़ के बाद मेले का आयोजन किया गया।

मंदिर कमेटी द्वारा आयोजित इलाके के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा बाबा की महिमा का गुणगान दिनभर चलता रहा और लोगों ने बाबा की महिमा का आनंद लेने के लिए इस भरी ठंड में बैठे रहे और बाबा की महिमा का गुणगान सुनते रहे। बाबा का प्रसिद्ध प्रसाद खीर चूरमा मेले में कमेटी द्वारा वितरित किया गया तथा इसके साथ-साथ समाज सेवकों द्वारा बाबा के मेले में श्रद्धालुओं के लिए ब्रेड पकोड़े का विशेष प्रबंध किया हुआ था।

ब्रेड पकोड़े, खीर व चूरमा बाबा के मेले में दिनभर वित्तरीत होता रहा और लोगों ने जी भर के प्रसाद का आनंद लिया। कार्यक्रम में गायक कलाकार सानाेज मलिक, पिंकी शर्मा, राज लोहिया, पूजा राव अपने भजनों के माध्यम से बाबा की महिमा का गुणगान किया। कार्यक्रम के दौरान डांसर रचना तिवारी भी अपनी प्रस्तुति दी।

बता दे कि गांव आकोदा स्थित बाबा साध धाम इलाके में आस्था व श्रद्धा का प्रतीक है। जिससे आस-पास के दर्जनों भर गांवों के लोगों की आस्था जूड़ी हुई है। क्षेत्र के गांव खुडाना, गढ़ी, ढाणी मालियान, बास खुडाना, आदलपुर व भूरजट स्थित अन्य गांवाें में जब भी नई गाय या भैस आती है तो उसका प्रथम दूध व दही का भोग बाबा को लगाया जाता है। लोगों के अनुसार जो दूध वाला मवेशी दूध नही देता हो तो बाबा की प्रसाद बोलते ही दूध दे देता है। बता दे कि बाबा के धाम पर शुक्ल पक्ष की हर द्वादशी के दिन बाबा का मेला लगता है जिसमें भक्तों द्वारा हर व्यक्ति को मीठे चावल का प्रसाद दिया जाता है तथा हर घर में खीर चूरमा का भोग लगाया जाता है। 

इस दिन हजारों लोग बाबा के धाम पर आकर रोग शोक से मुक्ति पाकर मन वांछित फल प्राप्त करते है। मंदिर कमेटी सदस्यों ने बताया कि बाबा के धाम पर साल में तीन बार विशाल मेले व भंडारे का आयोजन किया जाता है। वर्ष का पहला मेला मकर संक्रांति को लगाया जाता है। दूसरा मेला श्रावण माह की द्वादशी के दिन लगता है व तीसरा मेला 16 दिसम्बर को बाबा की मूर्ति स्थापना के उपलक्ष्य में लगाया जाता है। 

मंगलवार को भी मकर संक्रांति पर मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मंदिर प्रांगण में पहुंची।

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