महेंद्र गढ़
गांव बसई की सरकारी आयुर्वैदिक डिस्पेंसरी का काम एक बार से बंद होने से ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग कर डिस्पेंसरी का कार्य जल्द से जल्द शुरू करवाने की मांग की है। ग्रामीण दलीप शेखावत, श्याम सुन्दर, राजू कोच, रणवीर पीटीआई, मीर सिंह, कृष्ण मिस्त्री, सुकेन्द्र, रमेश शर्मा, मास्टर सुनील ठेकेदार आदि ने बताया कि बसई सरकारी आयुर्वैदिक डिस्पेंसरी का कार्य सितंबर 2023 में सरकार द्वारा शुरू किया गया था। उस समय इसकी ग्रांट लगभग 24 लाख रुपए सरकार द्वारा पास की गई थी। ग्रामीणों ने जब निर्माणाधीन डिस्पेंसरी पर जाकर देखा तो वहां पर पाया कि बिना नींव व बिना पिलर के ही निर्माण कार्य शुरू किया जा रहा है और निर्माण सामग्री भी निम्न स्तर की प्रयोग की जा रही थी। ग्रामीणों ने कार्य को बीच में रुकवा कर उच्च अधिकारियों को इस बारे में अवगत करवाया गया था। जिसके बाद विभाग के अधिकारियो ने मौके पर पहुंचकर जांच की तो पता चला की ईंट भी हल्की थी व नींव भी नहीं खोदी गई थी इसलिये कार्य को बीच में रुकवाकर आगे की कार्रवाई करते हुए ग्रांट बढ़वाने के लिए ग्रामीणों से कहा।
ग्रामीणों ने इसके लिए पंचायती राज के एक्सईएन से मिलकर सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह के प्रयास से इसकी ग्रांट बढ़ाकर लगभग 45 लाख रुपए सरकार द्वारा कर दी गई। उसके पश्चात इसका नया टेंडर छोड़कर इसका निर्माण कार्य शुरू किया गया लेकिन अभी लगभग पिछले 2 महीने से इसका निर्माण कार्य फिर से अधर में लटका हुआ है ठेकेदार बीच में ही काम छोड़कर चला गया और ग्रामीणों ने इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना हैं कि सरकार एक तरफ तो स्वस्थ भारत स्वच्छ भारत के नारा देकर हर घर में स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए लोगों को जागरुक कर रही है दूसरी तरफ लगभग 15 महीने से इस डिस्पेंसरी का कार्य शुरू हो चुका है लेकिन अभी निर्माण कार्य 15 महीने में दो बार बंद भी हो चुका है लेकिन अभी फिर से बंद हो गया जिससे ग्रामीणों में भारी रोष है। ग्रामीणों का कहना है कि जल्दी ही अगर इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया तो हम मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री से भी इसके लिए हम शिकायत भेजेंगे।
ग्रामीण सुनील तंवर ठेकेदार ने बताया कि पहली बात तो हमारा गांव बहुत बड़ा गांव है इसके साथ-साथ महेंद्रगढ़ जिले से लगभग इसकी दूरी भी 20 किलोमीटर पड़ती है। जिससे की अगर कोई भी आदमी बीमार होता है तो उसको ले जाने के लिए काफी दूर जाना पड़ता है। सरकार ने लगभग डेढ़ साल पहले इसका कार्य शुरू किया था लेकिन अभी ना के बराबर है। उन्होंने कहा कि अगर जल्दी ही इसका कार्य शुरू नहीं किया गया तो इसके लिए हमारा गांव एकत्रित होकर विधायक कंवर सिंह से मिलकर इस मामले के सीएम साहब के संज्ञान में लाएंगे ओर इसमे सम्मिलित सभी अधिकारी व ठेकेदारों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग करेंगे।
ग्रामीण दलीप शेखवात ने कहा कि गांव की आयुर्वैदिक डिस्पेंसरी शुरू से ही विवादों के घेरे में रही है। पहले तो बिना नीव व हल्की सामग्री प्रयोग की गई, फिर हमने इसको बंद करने के लिए अधिकारियों से गुहार लगाई। उसके बाद ग्रांट बढ़वाने के लिए गुहार लगाई ग्रांट बढ़ाने के बाद फिर 0से दोबारा शुरू करवाने के लिए विभाग के पीछे-पीछे घूमते रहे और अब फिर से कम बंद हो गया। अब फिर हम विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। अधिकारियों से निवेदन कर रहे हैं कि इसका काम शुरू करवाया जाए अगर जल्दी इसका कार्य शुरू नहीं किया गया तो हम इसकी शिकायत सीधी प्रधानमंत्री से करेंगे।
इस बारे में जब सरपंच प्रतिनिधि भगत सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दो दिन पहले मेरी बात अधिकारियों से हुई थी अभी दो-तीन दिन में बाद उन्होंने मिलने के लिए बोला है।
इस बारे में जब विभाग के जेई ललित से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह कार्य बंद हो रखा है। ठेकेदार काम छोड़कर चला गया है। ठेकेदार को हमने डी बार कर दिया गया है और जल्दी ही इसका दोबारा से टेंडर करके इसका निर्माण कार्य शुरू करवाया जाएगा।
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